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देवताओं का दान

रुडयार्ड किपलिंग

प्रकाशक : झारीसन प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :16
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6248
आईएसबीएन :00000

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धुन्नी भगत के चौबारे में संध्या का भोज हो चुका था और बूढ़े पुरोहित तो धूम्रपान कर रहे थे या माला जप रहे थे। तभी एक नन्हा-सा बच्चा वहाँ आया। उसका मुँह खुला हुआ था।

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